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Wednesday, April 27, 2022

Day 11 Environment

Ecology:-
Ecology शब्द ग्रीक भाषा के Oikos (eco Means House) और Ology (means living) से मिलकर बना है ecology शब्द से हमें यह समझ आता है कि किस प्रकार अलग-अलग जीव जंतु (Living organisms)का संबंध इस वातावरण (Environment) से है किस तरह से वह रहते हैं, किस तरह जीभ एक दूसरे से intraction करते हैं तथा किस तरह से एक-दूसरे पर Dependent रहते हैं.


Tuesday, April 5, 2022

MS Word ( fact )

MS- Word Importance Fact.
1.The Office Clipboard can hold up to 24 items.
2.ctrl + z ( 20 times)
2.Software developers Richard Brodie and Charles Simonyi released the Multi-Tool Word for the UNIX operating system in 1983.
3.collate & Uncollate print option

4.Types of View in Ms Word 

Outline :Outline view shows the different levels of headings as designated by the styles applied in your document.

Draft view :- use is old printers(header footer not visible)
Print Layout :- printed page appear.
Full-screen: (reading View)
Web Layout :- (web Page view)


5. Maximum Zooming Size (500 %)
6. Font Size ( Minimum 8 & Maximum 72) and by default Font Size - 11 point.(calibri font)

7.

8. default page size :-default format would be “letter” which is the standard size for a page (8.5 x 11 inches).

9.Microsoft Word 2016 currently has a limitation of 32 megabytes (MB)

10.

LibreOffice  vs Office  

  • ·         Spreadsheet: Calc               - Excel 
  • ·         Word processing: Writer     - Word
  • ·         Presentations: Impress      - Presentation
  • ·         Database: Base                  - Access
  • ·         Math: Formula Editor
  • ·         Draw: Vector Graphics

Libre Office






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Draw

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Sunday, April 3, 2022

Day - 10 Environment ( ENERGY RESOURCES)

 Energy Resource(ऊर्जा संसाधनों) : in energy resource is something that can produce heat ,power life ,move object or produce electricity matter that can store energy is called fuel .human energy consumption has growing streetly.

ऊर्जा संसाधन के द्वारा ऊर्जा की प्राप्ति होती है इसके कई सारे संसाधन होते हैं , देखा जाता है कि भारतवर्ष में सबसे ज्यादा कोयला(coal), खनिज तेल (crude oil) पेट्रोलियम petroleum जैसे संसाधनों का प्रयोग किया जाता है कई प्राकृतिक (natural resources)संसाधन भी होते हैं जैसे प्राकृतिक गैस (natural gas)पवन चक्की ( windmill ),सौर ऊर्जा (solar energy) आदि




TYPES OF ENERGY RESOURCES:

1. Renewable energy resource (or)Non conventional energy resources:- नवीकरणीय ऊर्जा या अक्षय ऊर्जा मैं वे सभी ऊर्जा ( Energy) शामिल है जो प्रदूषण (Polluted items) कारक नहीं है तथा जिन के स्रोत(Source) का क्षय ( Loss) नहीं होता या जिनके स्रोत को पुनः प्राप्त किया जा सकता है जैसे पवन ऊर्जा(Wind Energy सौर ऊर्जा (Solar Energy),जल विद्युत ऊर्जा (Water Electricity energy) आदि नवीनीकरण ऊर्जा(Renewable) के उदाहरण है l

2. Non renewable energy resources (or) Conventional energy resources: ऐसे संसाधन जो एक बार उपयोग होने के बाद नष्ट हो जाए तथा उनको नवीकरण ना हो सके अर्थात पुनः प्राप्त ना किया जा सके वह गैर नवीकरणीय संसाधन (Non renewable energy Resources)कहलाते हैं


RENEWABLE ENERGY SOURCES: Energy which can be regenerated.

    Merits :-

1. बहुत ज्यादा मात्रा में होना(unlimited supply)

2. ऊर्जा सुरक्षा प्रदान करता है(provides energy security)

3. विकास अवधारणा में फिट बैठते हैं(fit into sustainable development concept)

4. विश्वास नहीं है तथा सभी जगह प्रयोग किए जा सकते हैं(reliable and the device are modular in size)

6. विकेंद्रीकृत (सभी जगह) ऊर्जा उत्पादन (decentralize energy production)

Types of renewable energy resources:- 

     1. Solar energy : सूर्य से प्राप्त किरणों (sun rays) में परिवर्तित ( Change)करके बनाया जाता है इसे शौर्य शक्ति के नाम से भी जाना जाता है सूर्य से जो ऊर्जा energy प्राप्त होती है उसे विद्युत ऊर्जा में बदल कर  सौर ऊर्जा कहलाता है, Nuclear fusion reaction से सूरज में बहुत अधिक मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न होती है आज के समय में कई प्रकार के माध्यम हैं जिनके द्वारा उस energy को collect किया जा सकता है तथा store किया जा सकता है और उसे use किया जा सकता .

Ex. Solar Cell or photovoltaics Cell or pV cell

Solar battry:-ज्यादा मात्रा में solar cell को एक कतार (Series) में Connect किया जाता है उसे solar बैटरी कहते हैं और उसके द्वारा दूर के इलाकों में power Suppy का उत्पादन किया जा सकता है

Solar water heater :- इसके लिए हमें एक Insulate box को black color से पेंट करना होता है तथा उसे गिलास से ढक दिया जाता है और बॉक्स के अंदर copper coil use की जाती है और टैंक में भरा ठंडा पानी कोयल के माध्यम से बॉक्स के अंदर जाता है और वह उस पानी को गर्म कर देता है तथा दूसरे पाइप के माध्यम से गर्म पानी प्रदान करता है



    2. Wind energy: भारत में Wind energy का विकास की शुरुआत 1990 के दशक में हुई और कुछ ही सालों में काफी विकास हुआ है भारत का विश्व में पवन(wind) के द्वारा ऊर्जा उत्पादन में पांचवा स्थान आता है वायु ऊर्जा को विद्युत  ऊर्जा में परिवर्तन करने के लिए हवादार जगहों पर पवन चक्की लगाई जाती हैं भारत में पवन चक्की के संयंत्र आपको तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक ,राजस्थान ,मध्य प्रदेश ,आंध्र प्रदेश ,केरल, पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में अधिकतर देखने को मिलती हैं भारत में कुल ऊर्जा का 8 % पवन ऊर्जा (Wind energy)के द्वारा प्राप्त किया जाता है

Problem by Wind Mill.

1. जब पवन चक्की चलती है तो काफी शोर होता है.

2. पक्षी इस ओर से भयभीत हो जाते हैं तथा पंख से टकराने से पक्षियों को नुकसान भी हो सकता है.


     3. Ocean energy:

    4. Geo thermal energy:(भूतापीय ऊर्जा) Geo thermal खुदाई से पानी या stream द्वारा पृथ्वी से गर्मी निकालने और एक Heat exchange के माध्यम से बिजली में परिवर्तित करना, पृथ्वी की परतों के नीचे melt गरम चट्टानों की मोटी layes जैसे मैग्मा (Megma )कहते हैं यूरेनियम Uraniumऔर पोटेशियम potassium जैसे रेडियोएक्टिव (radioactive material)तत्व कारण लगातार उत्पन्न हो रही ऊष्मा (Energy)का विशाल भंडार (Collection)हजारों साल तक हमारी आवश्यकता ओं की पूर्ति कर सकता है पृथ्वी की सतह के नीचे 30 से 50 मीटर जाने पर औसतन तापमान 10 डिग्री सेल्सियस (degree Celsius)पाई गई है कुछ किलोमीटर नीचे उतरने पर 250 डिग्री सेल्सियस तक प्राप्त हो जाता है ज्वालामुखी क्षेत्रों के आस पास तो यह तापमान और भी कम गहराई पर प्राप्त हो सकता है यदि हम चाहे तो पृथ्वी में इस ऊर्जा स्रोत का उपयोग कर सकते हैं

    5. Bio mass energy: biomass पेड़ पौधों से निकलने वाली लकड़ी सूखे पत्ते आगे से हम बायोमास ऊर्जा उत्पन्न कर सकते हैं.

#पशुओं से निकलने वाले मल मूत्र गोबर से भी हम बायोमास ऊर्जा पैदा कर सकते हैं

#कृषि कार्यों में फसलों के अपशिष्ट (खराब पेड़ पौधे)के अपघटन (टूटे-फूटे बचे हुए) से बायोमास उत्पन्न होती है

#शहरों से निकलने वाले गंदे कचड़े, नाले जो खराब कचरा पानी बहता है, और जो भी खराब चीजें होती हैं उनके द्वारा भी बायोमास एनर्जी बनाई जा सकती है



 NON RENEWABLE ENERGY SOURCES:

   1. Coal: It is a solid fossil fuel.

            Disadvantages:

            1. When coal is burnt large amount of CO2 is released which causes global

warming.

            2. S, N produces toxic gases during burning.


2. Petroleum: 

 3. Liquefied petroleum gas (LPG): 

4. Natural gas:

5. Nuclear energy: किसी परमाणु के नाभिक की ऊर्जा को परमाणु ऊर्जा का जाता है प्रत्येक परमाणु(Atom) के केंद्र में दो प्रकार के कारण (element) होते हैं जिन्हें प्रोटॉन(Proton) और न्यूट्रॉन (Neutron) कहा जाता है Nuclear Power बनाने के लिए nuclear reaction करके बिजली बनाई जाती है इसमें Nuclear fission तथा Nuclear Fusion दो प्रकार की Reaction होती है आज के समय में न्यूक्लियर पावर का ज्यादा प्रयोग होने लगा है इसके लिए Nuclear Fussion के लिए Uranium & Plutonium का प्रयोग अधिक किया जाता है और इसके बड़े-बड़े संयंत्र (Plants )लगाए गए जिस से बिजली उत्पन्न की जाती है








Day - 9 Environment (Agriculture )

 AGRICULTURE :- Agriculture is an art, science and industry of managing the growth of plants animals for human use. It includes cultivation of the soil, growing and harvesting crops, breeding and raising livestock, dairying and forestry.


TYPES OF AGRICULTURE

    1. Traditional agriculture :- small plot, simple tool(हल चलाने वाला),Surface water(नदी तालाब), organic Fertilizer (पुराने तरीके से बनाई गई खाद) , कई प्रकार की फसलों को उगाना पुराने तरीके के अंतर्गत आता है या फिर कह सकते हैं Traditional Agriculture. इससे वह इतना भोजन प्राप्त कर लेते हैं कि वह अपनी परिवार को पालन पोषण कर सकें तथा उसे कृषि से प्राप्त गेहूं चावल ज्वार बाजरा आदि को बेच करके मुनाफा तथा Income प्राप्त कर सके!


    2. Modern (or) industrialized agriculture :-और जो कृषि का नया तरीका है इसमें Hybrid seed का प्रयोग किया जाता है जिससे उत्पाद बहुत ज्यादा बढ़ जाता है तथा High-tech equipment (औजार), प्रयोग करके काम को आसान बना लेते हैं साथ ही  Pesticides (कीटनाशक दवाइयों) का प्रयोग करके वह फसलों को होने वाले नुकसान या कीट से बचा सकते हैं जिससे फसल भी अच्छी होती है और ज्यादा से ज्यादा उत्पाद भी हो सकता है तथा फसल खराब भी नहीं हो पाती और कम समय में ज्यादा से ज्यादा फसल भी कर ली जाती है.



EFFECTS OF MODERN AGRICULTURE

    1. Problems in using fertilizers : अगर अधिक मात्रा में Fertilizer का प्रयोग किया जाता है तो उससे मिट्टी को नुकसान हो सकता है

        a. Excess of fertilizers(उर्वरक) causes micronutrient imbalance : अगर ज्यादा मात्रा में Fertilizer use किया जाता है तो कई बार किसी चीज की मात्रा बढ़ जाती है तथा किसी चीज की मात्रा घट जाती है उदाहरण  हरियाणा ,पंजाब side की जमीन में Zinc की कमी है तो वह जमीन में उगाई जा रही फसलों की उत्पादकता को प्रभावित करती है

        b. Blue baby syndrome (nitrate pollution): जब उर्वरक या Fertilizer मैं नाइट्रेट की मात्रा अधिक होती है तो यह जमीन में मिल जाता है तथा पानी में भी Mix हो जाता है और जब यह किसी तरीके से मानव शरीर के अंदर जाता है तो यह बच्चों में Blue baby syndrome रोग होने लगता है तथा यह शरीर में नुकसान भी पहुंचाता है.

        c.  Eutrophication: उर्वरक में नाइट्रोजन तथा फास्फोरस का प्रयोग किया जाता है जब वह किसी तरीके से पानी में मिलने लगता है तो वहां पर पानी या तालाबों में पानी वाले पेड़ पौधे तथा शैवाल (Algae) की मात्रा को बढ़ा देता है और बाद में जब यह पानी में खुले लगता है तो पानी में ऑक्सीजन की मात्रा को भी कम कर देता है जिससे पानी के जीवो पर बुरा प्रभाव पड़ता है इसे  Eutrophication (सुपोषण) आ जाता है


Problems in using pesticides: कीटनाशक का ज्यादा प्रयोग करने से कई बार कुछ ऐसे जीव भी मर जाते हैं जो जमीन के लिए तथा फसलों के लिए फायदेमंद होते हैं और कई Pesticides ऐसे होते हैं जो Degradation (खत्म) नहीं होते और वह किसी तरह मानव शरीर के अंदर जाकर उसे भी प्रभावित करते हैं जिससे हमें कैंसर जैसी बीमारियां तथा हमारे immune System को भी बुरी तरह से प्रभावित करते हैं


Water logging: Land where water stand for most of the year.( जहां पर पानी कई सालों तक भरा रहता है या इकट्ठा रहता है)

Causes of water logging:

    1. Excessive water supply(ज्यादा मात्रा में पानी होना)

    2. Heavy rain(बारिश ज्यादा होना)

    3. Poor drainage(खराब जल निकासी)

Remedy:

    1. Preventing excessive irrigation(अत्यधिक सिंचाई को रोकना)

    2. Subsurface drainage technology(उप सत्य जल निकासी के लिए technology used)

    3. Bio drainage like trees like Eucalyptus(पेड़ पौधे लगाना है जो पानी को ज्यादा शौक सके जमीन मैं)

Case study :-दिल्ली में मां के शरीर में वेस्टसाइड की वजह से शिशु जन्म के दौरान शिशु का वजन कम होना तथा समय से पहले शिशु का जन्म हुआ जैसी समस्याएं हो जाती है

Day - 8 Environment ( Food Resources )

 FOOD RESOURCES :- 


TYPES OF FOOD SUPPLY:-भोजन हमारे जीवन में बहुत ही जरूरी है इसके बिना हम जीवित नहीं रह सकते, भोजन में सबसे महत्वपूर्ण पदार्थ (Component) Carbohydrates, Fats, Protein, Minerals and Vitamin.

    1. Crop plants : Grains mostly constitute about 76% of the world’s food.(Grains की फसल विश्व में लगभग 76% प्रतिशत होती है

                    Ex: Rice, Wheat and Maize

    2. Range lands : Produces 17% of world’s food from trees and grazing animals.( विश्व का 17  प्रतिशत Food हमें उन जानवरों से मिलता है जो घास पेड़ पौधे को खाकर अपने जीवन चलाते हैं)

                    Ex: Fruits, milk and meat

    3.Ocean: Fisheries – 7% of world’s food(विश्व मैं भोजन का 7 % समुद्र के जीव से मिलता है)


    WORLD FOOD PROBLEM :-विश्व में जमीन की सतह पर 79% पानी से Area  ढका (Cover )हुआ है और 21% जमीन पर (वन रेगिस्तान पहाड़ और बंजर जमीन  आदि हैं) जिसके कारण किसानी करने के लिए जमीन बहुत कम है और जनसंख्या वृद्धि लगातार बहुत तेजी से बढ़ती जा रही है जिससे भोजन की कमी की समस्या उत्पन्न (Produce) हो रही है, वातावरण में यह भी देखा जाता है कि मिट्टी का कटाव, water logging, प्रदूषित पानी, और खारा पानी का प्रभाव कृषि भूमि ( Agriculture Land) पर भी पड़ता है. जिस प्रकार से लगातार शहरीकरण होता जा रहा है इसका प्रभाव फसलों पर भी पड़ रहा है जिससे फसलों को सही तरीके से production करने में कठिनाई महसूस हो रही हैl

    TYPES OF NUTRITION:

     1. Nutritious nutrition(पौष्टिक पोषण) :- अगर हमें अच्छा स्वास्थ्य चाहिए तो उसके लिए हमें Carbohydrates, Protein, fats, और Micro Nutrients ( Vitamin s, Minerals जैसे कि Fe, Ca, and Iodine) की आवश्यकता होगी, तथा हमारे शरीर को बीमारी  से भी बचाती है

      2. Under nutrition : जो लोग पर्याप्त भोजन में Nutrients नहीं ले पाते तो उनके शरीर में Growth बहुत ही कम होती है तथा Infection disease का खतरा भी बढ़ जाता है

     3. Mal nutrition: जब व्यक्ति सही कैलोरी (Calories)नहीं लेगा तो उसके शरीर में Proteins, Minerals, Vitamin, Iron और Iodine इनकी कमी हो जाएगी और इस कमी के कारण कई सारी बीमारियां उसे घेर सकती हैं


OVER GRAZING :- It is a process of eating the forest vegetation without giving a chance to regenerate.(वह Process होती है जिससे कि जो वन क्षेत्र है उसको धीरे-धीरे खत्म किया जा रहा है और वह दोबारा Regenerates भी सही तरीके से नहीं हो पा रहा है

EFFECTS OF OVER GRAZING

    1. Land degradation :- 

*Overgrazing remove the cover of vegetation

*Exposed soil gets compact

*अगर एक बार Land degradation (भूमि अवक्रमण)



    2. Soil erosion::- जब घास फूस बिल्कुल से खत्म कर दी जाएगी तो मिट्टी के कटाव से जमीन पर प्रभाव पड़ता है पानी य हवा से से वह मिट्टी बह जाती है

    3. Loss of useful species: पेड़ पौधों की जनसंख्या जब तेजी से खत्म होगी और वह Regenerates समय पर नहीं हो पाएगी तो जो पेड़ पौधे में अच्छी Nutritive की छमता कम हो जाएगी



Day - 7 Environment Mineral Resources

Mineral Resources :- (खनिज पदार्थ)

Mineral Resources को जमीन से खोदकर निकाला जाता है जैसे कि लोहा (Iron),कोयला (Coal) बक्साइट आदि जो कि अलग-अलग अवस्था में पाए जाते हैं

USES AND EXPLOITATION OF MINERALS :- 

1. बड़ी-बड़ी मशीनों में तथा फैक्ट्री कारखाने बनाने के लिए उपयोग में लाया जाता है -FI, AL, CU.

2. ऊर्जा (energy) बनाने के लिए उपयोग किया जाता है- coal, uranium.

3. रक्षा के लिए हथियार (weapons)बनाने के काम भी आता है

4. Fertilizer बनाने के काम भी आता है जैसे Zn , MN.

5. संचार के साधन बनाने काम में आता है जैसे टेलीफोन के तार और बिजली से चलने वाले उपकरण (device)

6. औषधि (Medicine) बनाने काम भी आता है


ENVIRONMENTAL DAMAGES CAUSED BY MINING ACTIVITIES :- 


    1. Devegetation:(वनस्पति रहित करना)
मिनरल्स को निकालने के लिए इस जमीन को खुद ना पड़ता है तथा जंगलों में वनों में पेड़ पौधों को भी काटना पड़ता है जिससे हमारा ecological loss भी होता है तथा जमीन पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है

    2. Ground water contamination:-
खुदाई से कुछ ऐसे पदार्थ निकलते हैं जो पानी को गंदा कर सकते हैं जैसे sulphur बदल कर sulphuric acid मैं बदलकर जमीन में मिल जाता है.

    3. Surface water pollution :
Radio active पदार्थ अगर जमीन में मिलते हैं या पानी में मिलते हैं तो वह उस जगह को खराब कर देते हैं जिससे पानी में रहने वाले Aquatic animals को बहुत खतरा होता है
    4. Air pollution: Mineral के द्वारा हवा भी polluted होती है कई सारे ऐसे पदार्थ होते हैं जो हवा में मिलकर vegetation तथा human को भी प्रभावित करते हैं
    5. Subsidence of land: कई बार जब mineral की खुदाई होती है तो आसपास के जो क्षेत्र होते हैं वहां पर दरार वगैरह आ जाती है और इससे कई चीजों को नुकसान हो सकता है



EFFECTS OF OVER EXPLOITATION OF MINERALS :-
1. मिनरल्स बहुत तेजी से खत्म हो जाएंगे.
2. वातावरण को भी नुकसान होगा
3. और मिनरल्स खत्म होने के बाद हमें ऊर्जा के लिए और भी साधन की जरूरत होगी

MANAGEMENT OF MINERAL RESOURCES :-हमें सिर्फ जरूरत के अनुसार ही चीजों को उपयोग में लाना चाहिए, और ज्यादा से ज्यादा ऐसे तरीकों का इस्तेमाल करना चाहिए कि जिससे कोई नुकसान ना हो तथा New mineral deposit जगहों को ढूंढना चाहिए l और जो Mineral हम लोगों ने यूज किए हुए हैं उनको Recycle करके reuseable बनाना चाहिए

Day 6- Environment Water Resource (

 WATER RESOURCES :-

पानी का उपयोग हमारे जीवन में बहुत ज्यादा जरूरी है पानी को हम लोग सिंचाई (irrigation) के कामों में प्रयोग करते हैं और साथ ही साथ बड़े-बड़े कारखाने और घरेलू उत्पाद या घर के कामों में भी बहुत ज्यादा ही उपयोग करते हैं

Uses :-

1. यह हमारे जीवन के लिए बहुत ज्यादा जरूरी है

2. पानी का प्रयोग कई सारी शाखाओं में किया जाता है जैसे खेती किसानी में बड़े बड़े कारखानों में घरों में environmental activities  में तथा सबसे ज्यादा शुद्ध पानी का प्रयोग Human करता है

3. कोई भी जीव-जंतु पेड़-पौधे बिना पानी के जीवित नहीं रह सकते अगर जब कभी हमारे शरीर में थोड़ी सी भी पानी की कमी हो जाती है तो हम लोग प्यास लगने से बेहाल होने लगते हैं और अगर हमारे शरीर में 10 % पानी की कमी हो जाए तो हमारा चेहरा मुरझाने लगता है


Hydrological Cycle :



Distribution Of Water Resources : 



Under ground Water :

जल धरती की सतह के नीचे चट्टानों के द्वारा या मिट्टी के द्वारा वह है किसी तरीके से जमीन के अंदर एकत्रित हो गया है भूजल एक मीठे पानी के स्रोत के रूप में एक प्राकृतिक संसाधन है मानव के लिए जल की प्राप्ति का एक मुख्य स्रोत भूजल के अंतर्गत आने वाले जल भरे (Aquifers) है जिन्हें को और नलकूपों द्वारा पानी निकाला जाता है


Effects of over utilization of water :-

    1. Decrease of ground water: अगर हम लोग ज्यादा प्रयोग करेंगे तो पानी का स्तर कम हो जाएगा, वर्षा का कम होना तथा घर मकानों को इस तरह से बनाया जाना जिससे पानी जमीन में इकट्ठा नहीं हो पाता, l permeability (जितनी ज्यादा पर मैं permeability  होगी उतना ही पानी जमीन की नीचे आराम से जा सकता है)

    2. Drying up of wells :- अगर हम लोग जरूरत से ज्यादा पानी का इस्तेमाल करेंगे या ग्राउंड वाटर का तो इसका Level धीरे धीरे कम होता चला जाएगा और वह दोबारा regenerates नहीं हो पाएगा इतने जल्दी, और कोई सूखने का एक बड़ा कारण यह भी है कि जगह जगह पर BORE भी होने लगे हैं

    3.Pollution of water: जहां पर खेती होती है उस जमीन के पास जो भूजल है वह कम होता जाएगा क्योंकि पानी में नाइट्रोजन मिल जाएगी जिससे पानी प्रदूषित हो जाएगा

    4. Intrusion of salt water :- Coastal Area , समुद्र किनारे क्या जो ग्राउंड वाटर है वह समुद्र के Contact में आने से नमकीन होता चला जाएगा जिससे पीने के पानी की shortage होगी


REASONS FOR DECLINE OF GROUND WATER

    1. Population explosion: पृथ्वी पर जिस प्रकार से जनसंख्या वृद्धि दर बहुत तेजी से बढ़ रहा है उसे देखते हुए यह लगता है कि पानी की खपत भी बढ़ रही है और जिस प्रकार से यह सब हो रहा है तो ऐसा कहना गलत नहीं होगा कि पानी की शॉर्टेज बहुत ज्यादा कुछ ही सालों में हम सबको Face करनी पड़ सकती है

    2.Overutilization of Surface and Groundwater: हम जानते हैं कि पानी का उपयोग मनुष्य कई कार्यों में करता है जैसे खेती किसानी और फैक्ट्री और कारखानों में लेकिन कारखानों से जो दूषित पदार्थ निकलता है वह पानी या नदी तालाब में मिला दिया जाता है जिससे कहीं ना कहीं पानी प्रदूषित हो रहा है और जल का Level कम हो रहा है

    3.Deforestation: जिस तरह से देखा जाता है कि पेड़ों को Cutting होता है उससे हमारे जंगल धीरे-धीरे समाप्त होते जा रहे हैं और पेड़, पौधे ,जंगल पानी को जमीन में Collect/hold कर के रखते हैं लेकिन जब जंगल ही नहीं रहेंगे तो उस पानी को कैसे Collect/absorb कर के रखा जाएगा इससे पानी का स्तर अलग-अलग जगह पर अलग-अलग समस्याएं पैदा करेगा कहीं सूखा होगा तो कहीं बाढ़ आएगी क्योंकि पेड़ पौधे पानी को absorb करके रखते हैं

    4. Rain fall: देखा जाता है कि कहीं-कहीं वर्षा बहुत कम होती है और कहीं-कहीं वर्षा बहुत ज्यादा हो जाती है', और हमारे पास अच्छे reservoirs भी नहीं है कि यहां पानी को इकट्ठा करके रखा जा सके


FLOOD (बाढ़) पानी का जब ओवरफ्लो होने लगता है तब बाढ़ के आसार हो जाते हैं यानी के जब पानी अधिक मात्रा में किनारों नदियों से ऊपर बहने लगता है यानी के उनकी क्षमता से ज्यादा जब पानी नदियों तालाबों में आ जाता है तो बाढ़ जैसे हालात बनने लगते हैं

    1. CAUSES OF FLOOD : जब बहुत ज्यादा वर्षा होती है और जो बर्फ जमी हुई है वह वह भी पिघल रही है जिससे धीरे-धीरे पानी का लेवल बढ़ता चला जा रहा हैकई बार डैम से जो पानी छोड़ा जाता है वह अत्यधिक मात्रा में होता है, पेड़ पौधे तथा जंगलों का कटाव भी एक बहुत बड़ा कारण है 

    2. EFFECT OF FLOOD: जब बाढ़ आती है तो पानी चारों तरफ के क्षेत्र में फैल जाता है जिससे कई सारी चीज है उसमें डूब जाती हैं तथा जो Cultivation (खेती की भूमि) जमीन होती है वह भी प्रभावित होती है तथा जो सभ्यता है या जहां पर लोग रह रहे हैं वह भी प्रभावित होता है

    3.FLOOD MANAGEMENT:-बाढ़ को व्यवस्थित या उससे बचना के कई उपाय हैं हमें डैम बनवाने चाहिए और Channel की व्यवस्था करनी चाहिए जिससे पानी Flow पर नियंत्रण किया जा सके, बाढ़ आने से पहले उसके बारे में पता लगाकर,  पहले उसकी सही व्यवस्था की जाए (Forecasting Flood Warning) तथा हमें पेड़ पौधों और जंगलों को बचाना चाहिए और नए पेड़ पौधे लगाना चाहिए.



DROUGHT: जहां पर पानी कमी होती है वहां पर सूखा पड़ने का अंदेशा ज्यादा होता है,पर्याप्त बारिश ना होना या फिर बारिश का बहुत देर से आना, वहां के पानी का अत्यधिक प्रयोग कर उसे कम कर देना, जहां पर पानी की कमी होती है वहां अगर फैक्ट्री या खेती किसानी की जाए तो पानी जल्दी खत्म होने लगता है

    1. CAUSES OF DROUGHT :-सरना वर्षा की औषधि नॉर्मल से कम होना और वाष्पीकरण ज्यादा होना सुख का कारण हो सकता है तथा जनसंख्या वृद्धि भी एक बहुत बड़ा कारण है और कई बार ऐसी फसलें को उगाना जिससे पानी की खपत बहुत ज्यादा हो जाती है

    2. EFFECTS OF DROUGHT :-जब कहीं पर सूखा पड़ता है तो वहां पर पानी की बहुत ज्यादा कमी हो जाती है तथा खाने-पीने की कमियां भी होने लगती है और पीने के पानी की समस्या भी बहुत ज्यादा बढ़ जाती है जहां पर सूखा पड़ता है वहां पर फसलें भी बर्बाद हो जाती हैं और सबसे खराब Situation मैं वहां पर desertification (मरुस्थलीकरण) भी होने लगता है, तथा वहां पर विकास की दर भी रुक जाती है जिससे वहां पर कोई भी फैक्ट्री के कारखाने नहीं आगे बढ़ पाते, वहां के Natural Resources भी कम होने लगते हैं लोग  उस जगह को छोड़कर दूसरी जगह पर पलायन करने के लिए मजबूर हो जाते हैं

    3. DROUGHT MANAGEMENT:-सबसे पहले हमारे पास ज्ञान होना चाहिए जिससे हम पानी की महत्व को समझ सके पानी को बचाकर तथा वर्षा के पानी को सही तरीके से व्यवस्थित करके रखा जा सके हमें रिजर्वायर बनाने चाहिए जहां पर पानी को इकट्ठा करके रखा जा सके और नए-नए irrigation के तरीकों का उपयोग करना चाहिए जिससे पानी का उपयोग कम किया जाए, Crop Mixing and dry farming तरीके का उपयोग कर जगह को सूखने से बचाना चाहिए

DAMS : मानव द्वारा निर्मित बांध एक बहुत बड़ा Contribution (सहयोग) है जिससे कि पानी को इकट्ठा करके रखा जा सकता है और बांध के द्वारा बाढ़ से भी बचा जा सकता है तथा जो जगह सूखे से प्रभावित हैं उन्हें भी हम पानी Suppy कर सकते हैं लेकिन ज्यादा बड़ा बांध कई सारे वातावरण पर बुरा प्रभाव भी डालता है|अगर हम छोटे-छोटे बांध बनाते हैं दो उसका वातावरण पर कम प्रभाव होता है

    1. Benefits: :- बांध बनाने के कई सारे फायदे हो सकते हैं जैसे कि आप पानी की सप्लाई अलग-अलग जगहों पर पहुंचा सकते हैं खेती किसानी के लिए फैक्ट्री तथा कारखानों के लिए और हाइड्रो पावर जनरेशन जिससे पानी से बिजली भी बनाई जा सके

    2. Problems: जब बांध बनाया जाता है तो कई प्रकार की समस्याएं हो जाती हैं बांध बनाने के लिए हमें एक बहुत बड़ा Area की जरूरत होती है जिससे हमें पेड़ों को काटना पड़ता है वहां की जो Biodiversity (जैव विविधता) को भी खतरा होता है I कई सारी सामाजिक समस्याएं भी उत्पन्न होने लगती है कि लोगों को एक जगह से दूसरी जगह पर जाना होता है तथा जो जंगल में जनजाति निवास करती हैं उन पर भी कई समस्याएं का सामना करना पड़ता है, और जानवरों की आबादी पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है, बांध बनाने से बहुत सारी जमीन उस क्षेत्र के अंदर जल मग्न ( land submerged) हो जाती है


SUSTAINABLE WATER MANAGEMENT

1. हमें छोटे-छोटे बांधों का निर्माण करना चाहिए जिससे हम Wetland को protect करके रख सकें

2. हमें बांध बांध को लीकेज से बचाना चाहिए तथा अच्छे पाइप का उपयोग करना चाहिए जिससे पानी का के द्वारा पानी एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाना आसान हो तथा बर्बादी उसमें कम है

3. हमें soli Management, Micro catchment (जहां थोड़ा-थोड़ा पानी ) development and और पेड़ों को इस तरह से लगाना चाहिए जिससे कि under ground water को बचाया जा सके.

4. हमें Waste water को Recycle करके उपयोग करने लायक बनाना चाहिए

5. हमें ऐसा सिस्टम बनाना चाहिए जिससे पानी को अलग अलग जगह पर व्यवस्थित किया जा सके तथा उसे समय-समय पर चेक किया जा सके कि किसी प्रकार की उसमें खराबी तो नहीं आ रही|

6. लोगों को पानी की महत्वता के बारे में जागरूक करना चाहिए तथा उसका सदुपयोग के बारे में बताना चाहिए.


Wednesday, March 30, 2022

Day -5 Environment (चिपको आंदोलन Chipko movement)

Chipko Movement :- 
चिपको आंदोलन एक पर्यावरण रक्षा का आंदोलन था यह भारत के उत्तराखंड राज्य में किसानों ने वृक्षों की कटाई का विरोध करने के लिए वह अपने राज्य के वन विभाग के ठेकेदारों द्वारा वनों की कटाई का विरोध कर रहे थे और उन पर अपना परंपरागत अधिकार जता रहे थे यह आंदोलन तत्कालीन उत्तर प्रदेश के (UK)चमोली जिले में सन 1973 में प्रारंभ हुआ एक दशक के अंदर यह पूरे उत्तराखंड क्षेत्र में फैल गया था चिपको आंदोलन की एक मुख्य बात थी कि इस में स्त्रियों ने भारी संख्या में भाग लिया था इस आंदोलन की शुरुआत 1973 में भारत के प्रसिद्ध पर्यावरण सदरलाल बहुगुणा
 और कामरेड गोविंद सिंह रावत तथा चंडी प्रसाद भट्ट तथा श्रीमती गौरा देवी के नेतृत्व में हुई थी यह भी कहा जाता है कि कामरेड गोविंद सिंह रावत की ही चिपको आंदोलन के व्यावहारिक पक्ष से जब चिपकू की मार व्यापक प्रतिबंधों के रूप में स्वयं चीकू की जन्मस्थली की घाटी पर पड़ी तब कांग्रेस गोविंद सिंह रावत ने आंदोलन शुरू कर दिया चिपको आंदोलन बनो का आओ व्यवहारी करण कटाव रोकने के लिए किया गया था वन अधिकारियों द्वारा रैणी में 24 सौ से अधिक पेड़ों को काटा जाना था इसलिए इस पर वन विभाग और ठेकेदार जान लड़ने को तैयार बैठे थे जिसे गौरी देवी जी के नेतृत्व में रैली गांव की 27 महिलाओं ने प्राणों की बाजी लगाकर असफल कर दिया था.

मोली जिले के रैणी गांव में वनों को काटने से बचाने के लिए एक ऐसा आंदोलन ने जन्म लिया जो राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय ख्याति (Famous) प्राप्त कर गया गांव की गोरा देवी की अगुवाई में ग्रामीण महिलाओं ने पेड़ों पर चिपक कर पेड़ों को बचाने के लिए अपनी जान दांव पर लगा दी और पर्यावरण संरक्षण का अनोखा रूप देखने को मिला जिसके बाद पूरी दुनिया महिलाओं के इस आंदोलन को चिपको के नाम से जानने लगी,चिपको आंदोलन 26 मार्च 1973 को शुरू हुआ था

Tuesday, March 29, 2022

DAY 4 Environment (Forest Resources in hindi)

Forest Resources (वन संसाधन):-
Forest को latin  शब्द "Foris" से लिया गया है जिसका अर्थ होता है"outside". Forest एक biotic Community है जिसमें पेड़ पौधे और वनस्पति आती है जोकि दुनिया में फैली हुई है, भारत में करीब 20% geographic Area मैं  वन फैला हुआ है वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया है कि 33 परसेंट वन इस दुनिया में फैले हुए हैं लेकिन यह धीरे-धीरे 12 परसेंट हो गया है हमें जंगलों को सुरक्षित रखने की कोशिश करनी चाहिए वरना Forest धीरे-धीरे खत्म हो जाएंगे.

Function of Forest 
1. यह बहुत महत्वपूर्ण , लाभदायक हैं मानव और प्रकृति के लिए
2. वनों में बहुत सारे पेड़ पौधे जानवर निवास करते हैं
3. यह है वर्षा के पानी को भी Recycle करता है
4. यह है तापमान तथा मौसम को भी संतुलित (maintain/moderate) करके रखता है
5. यह मिट्टी के कटाव (soil erosion)से मिट्टी को बचाता है
6. वन हवा (air) को भी प्रदूषित (polluted)होने से बचाते (prevent)हैं तथा प्रदूषण को कम करते हैं

Uses of Forest

1.Commercial uses(व्यवसायिक) :-
जंगलों से लकड़ी मिलती है जो जलाने काम आती है, लकड़ी की सप्लाई बड़े-बड़े उद्योगों के लिए भी किया जाता है जहां पर पेपर फर्नीचर (Furniture)बनाया जाता है और जंगलों से कई और छोटी-छोटी चीजें भी मिलती हैं जैसे Gum, dyes. कई animals product  जैसे शहद, horn, Ivory(हाथी दांत). और कई जगह पर जंगलों में खुदाई की जाती है डैम बनाए जाते हैं और भी कई कार्य किए जाते हैं
2. Ecological uses(पर्यावरणीय) :-
*Production of oxygen: photosynthesis के द्वारा ऑक्सीजन प्राप्त होती है जो कि जीवन के लिए बहुत जरूरी है
*Reduce Global warning:- Carbon di oxide को कम करती है तथा ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ने से रोकती है
*Soil Conservation:-हवा तथा पानी के द्वारा जो मिट्टी का कटाव होता है उस से भी बचाती
*जंगल कई प्रकार के जहरीली गैसों तथा ध्वनि प्रदूषण से बचाती है तथा जंगल जंगली जानवरों और पेड़ पौधों का घर भी होता है

Reason For Deficiency of forest(वन की कमी का कारण): -जैसा कि हम लोग जानते हैं कि जनसंख्या वृद्धि दिन प्रतिदिन बहुत तेजी से हो रही है और उसके लिए अलग-अलग चीजों की डिमांड भी बढ़ती जा रही है जैसे घर के लिए जमीन दवाइयां लकड़ी ईंधन जिस कारण वह Forest को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचा रहा है

Deforestation (जंगल का कटाव) :- ऐसी प्रक्रिया जिससे जंगलों को धीरे-धीरे काटा जा रहा हूं यानी के मनुष्य के द्वारा जंगल को खत्म किया जा रहा हो वह है Deforestation कहलाता है
Cause of deforestation
1 Development Project :-कई प्रोजेक्ट होते हैं जिन्हें जंगलों में बनाया जाता है उसके लिए भी जंगलों को काटा जाता है (big dam, hydro electric project)
2 Mining operation :-जब किसी खनिज पदार्थ (mica, Coal)के लिए वहां पर माइनिंग की जाती है तो जंगल को काटा जाता है
3.Raw material for industries :-लकड़ी का इस्तेमाल बड़े बड़े कारखानों में होता है जहां पर फर्नीचर पेपर बनाए जाते हैं
4.fuel requirement :-कई बार जो जनजातियां होती है वह लकड़ी का इस्तेमाल करती है आग जलाने के लिए
5.shifting Cultivation :-कई बार प्राकृतिक वन को हटाकर वहां पर सिर्फ एक ही प्रकार के  पेड़ को लगाया जाता है
6.Forest fires :-कई बार जंगलों में आग लगने से बहुत ज्यादा जंगल बर्बाद हो जाता है
7.over Gazing:-मवेशियों (Cattle)के द्वारा अधिक चढ़ने के कारण खेती की भूमि कम (reduce)होती जा रही है

जंगलों को काटने के दुष्परिणाम हो सकते हैं (Consequence of Deforestation)
1 Economic Loss
2.Loss of biodiversity
3.Destructs the habitate vof various species
4. global warning increase
5. soil erosion

Preventive Measure (कैसे बचाया जाए)
1. नए पौधों को लगाया जाए और टिंबर की लकड़ी को कम काटा जाए
2. लकड़ी को जलाने से लोगों को रोका जाए
3. जो forest pests जंगलों को खराब करते हैं उन पर pesticides का उपयोग किया जाए
4. मवेशियों को control किया जाए कि वह ज्यादा न chare 
6.जंगलों तथा वनों का महत्त्व सभी को बताया जाए लोगों को जागरूक किया जाए
7. जंगलों को बचाने के लिए कानून भी बनाए जाएं

Major Activities in Forest:

Timber Extraction:- लकड़ी का use आजकल घरों में बिल्डिंगों में फर्नीचर के लिए काफी बढ़ गया है, और लकड़ी के product भी बनाए जाते हैं जो कि कई वर्षों से चला आ रहा है इस कारण से जंगलों को तो नुकसान होता ही है साथ में पशु पक्षियों को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है जितना ज्यादा आप टिंबर यानी जिन लकड़ियों के द्वारा सामान बनाए जाते हैं उन्हें काटा जाता है ,बाद में उससे घरों में उपयोग में लाया जाता है लेकिन इससे जंगलों को बहुत खतरा है क्योंकि ऐसे में वह धीरे-धीरे खत्म होते चले जाएंगे.

Effect
1. Forest खत्म होते चले जाएंगे
2. बाढ़ आने का भी खतरा बढ़ जाएगा पानी का संतुलन भी बिगड़ जाएगा
3.Loss of biodiversity
4. जंगलों में जो जनजातियां निवास करती हैं वह भी धीरे-धीरे खत्म होती चली आएंगी
5.soil erosion


DAY -3 Environment ( Natural Resources)

Natural Resources (प्राकृतिक संसाधन):-
प्राकृतिक संसाधनों को हमारे दैनिक जीवन में बहुत ही ज्यादा उपयोग किया जाता है इससे हमें अलग-अलग प्रकार के goods और Service प्रोवाइड होती हैं जैसे कि plant, animals,and microbes, air, Water,soil, mineral, Climate and Solar energy. जो कि हमारे सभी प्रकार की जरूरतें जैसे शारीरिक ,सामाजिक ,आर्थिक, प्राकृतिक ,और भी कई प्रकार की जरूरतों को पूरा करता है

Types of Natural Resources:-
1. Renewable (नवीकरणीय प्राकृतिक संसाधन)
2.Non Renewable (अनवीकरणीय प्राकृतिक संसाधन)
1. Renewable resources:-ऐसे संसाधन जिनको दोबारा उपयोग किया जा सके , जिनकी पुनरावृति(Replenish) हो सके ऐसे संसाधन नवीकरणीय संसाधन (Renewable Natural Resources) जैसे कि कह सकते हैं सूर्य का प्रकाश,(Wind energy) पवन ऊर्जा आदि ऐसे संसाधनों को बार-बार उपयोग में लाया जा सकता है कुछ नवीकरणीय संसाधन recycle होते रहते हैं
जैसे कि पेड़ पधे जंगल जानवर की life cycle होती है जिससे वह पैदा होते हैं खत्म हो जाते हैं फिर पैदा होते हैं.
कुछ ऐसे भी होते हैं जिनकी कोई लाइफ साइकिल नहीं होती लेकिन वह है खुद को recycled कर लेते हैं
नवीनीकरण संसाधन का सबसे अच्छा उदाहरण solar energy जिसमें कोई सीमा नहीं है जितना चाहे आप इस संसाधन का उपयोग कर सकते हैं

2. Non- Renewable Resources:- ऐसे संसाधन जो खुद की पुनरावृति प्राकृतिक प्रक्रिया द्वारा नहीं कर पाते ऐसे संसाधनों को Non Renewable कहा जाता है जो की प्रकृति में बहुत ही limited amount मैं मौजूद हैं जिसे हम बड़ा भी नहीं सकते जैसे कि Fossils Fuel(जीवाश्म ईंधन) petrol ,Coal, Metal(धातुओं) Iron , Cooper, Gold ,Silver . अगर एक बार हमने इन संसाधन का प्रयोग कर लिया तो यह हमेशा के लिए खत्म हो जाएंगे.
Non- Renewable (divided in to 2 types)

A. Recyclable:-ऐसे Non Renewable Resources  हम collect कर  के उनको  Recycle कर सके उन्हें हम Recycle non-Renewable Resources  कहते हैं जो कि ज्यादातर non energy minerals होते हैं जो कि पृथ्वी की ऊपरी सतह (ores of aluminium,copper, Mercury)पर पाए जाते हैं उन्हें हम Fertilizer (उर्वरक) लिए उपयोग कर सकते हैं और भी कई खनिज होते हैं जोकि प्राकृतिक अवस्था में पाए जाते हैं (asbestos, clay,Mica etc)

B.
B.Non Recyclable:-जिस को दोबारा Recycle ना किया जा सके fossil fuels,uranium.

Natural Resources and Associated problem:-सबसे बड़ी जो समस्या है प्राकृतिक संसाधन की वह इसलिए है क्योंकि जो खपत (Consumption) है वह अलग अलग ( Unequal)तरीके से हो रही है जैसा कि हम जानते हैं कि जो प्राकृतिक संसाधन है उन्हें बहुत तेजी से उपयोग में लाया जा रहा है क्योंकि जिस प्रकार से जनसंख्या वृद्धि हो रही है तो जो विकसित(developed Country) देश है वह है 50 % ज्यादा तेजी से खपत कर रहे हैं अगर तुलना करते हैं हम जो देश विकसित या विकासशील देश (developing Country)है जो कि देश विकसित हो रहे हैं. उन्नत देश 75% global Industries तथा green house  गैसेस produce कर रहे हैं, और जिस प्रकार से देखा जाता है कि जो विकसित देश हैं वह Fossil Fuel को बहुत तेजी से उसकी खपत कर रहे हैं अगर हम तुलना करते हैं विकासशील देशों से.

Sunday, March 27, 2022

Day 2 Important Of Environmental study

 study :- 
Environment वातावरण के बारे में पढ़ना इसलिए जरूरी है क्योंकि दिन प्रतिदिन वातावरण को लोग हानि पहुंचा रहे हैं और इसको अगर बचाया नहीं गया तो सब कुछ खत्म हो जाएगा इसलिए वातावरण के बारे में लोगों को जागरूक करना बहुत जरूरी है जिसस आने वाली समस्याओं से बचा जा सके आज के समय में बहुत सारे Issues है जिससे मानव जाति को और पृथ्वी को नुकसान हो रहा है अगर इससे रोका नहीं गया तो वातावरण को बहुत नुकसान हो जाएगा जिससे मानव तथा जीवित चीजों को इस पृथ्वी पर रहना नामुमकिन हो जाएगा,
 1. Environment Issue being of International :-  जैसे कि हम लोग जानते हैं कि वातावरण के कई सारे issue जैसे ग्लोबल वार्मिंग, Ozone Depletion,acid rain, Marin pollution और भी कई ऐसे कारण हैं जिससे Biodiversity को global level पर नुकसान हो रहा है इसलिए इन चीजों को हमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इनके बारे में लोगों को जागरूक तथा इससे बचने के तरीके निकालने होंगे

2. Problem Cropped in the walk of development :-  जैसे human दिन प्रतिदिन विकास की ओर जा रहा है शहरी करण बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियां यातायात के साधन तथा Agriculture and Housing etc. वैसे ही वह वातावरण को किसी न किसी प्रकार से खराब करता जा रहा है जैसे फैक्ट्रियों से निकलता chemical. अगर हम लोगों ने इसको अनदेखा किया तो यह वातावरण को प्रभावित करेगा.

3. Explosively increase in pollution :- जिस प्रकार से दिन प्रतिदिन जनसंख्या की वृद्धि हो रही है, भारत में अगर आंकड़ों के हिसाब से देखा जाए तो विश्व की 16% आबादी के लिए 2.4 प्रतिशत जमीन है जिस वजह से Natural resources (प्राकृतिक संसाधन) तेजी से खत्म हो रहे हैं और जमीन में पोषण (Nutrition) की कमी हो रही है जीव जंतु भी प्रभावित हो रहे हैं
4.Need to save Humanity for Extinction :-हमें मानव को बचाना होगा क्योंकि कहीं ऐसा ना हो कि मानव धीरे धीरे इस पृथ्वी से विलुप्त हो जाए अगर इसी प्रकार से Activities होती रहेंगी, तो जिस प्रकार से हम अपने वातावरण को नुकसान पहुंचाते जा रहे हैं

5. Need for wise planning of developing :- हमें विकास के दौरान इस प्रकार की योजनाएं बनानी चाहिए कि जिससे वातावरण को बचाया जा सके और मानव का भी विकास किया जा सके ऐसी वस्तुओं का प्रयोग करना चाहिए जोकि Eco-friendly हो,


:- Need For Public Awareness :- 
1. Growing population:-(जनसंख्या वृद्धि) :- जिस प्रकार से दिन-प्रतिदिन जनसंख्या वृद्धि हो रही है उस हिसाब से लगता है कि प्राकृतिक साधन जल्दी खत्म हो जाएंगे देखा जाता है कि हर साल करीब 17 Million लोग बढ़ते जा रहे हैं, इस जनसंख्या वृद्धि दर को हमें नियंत्रित करना होगा वरना प्राकृतिक संसाधन जल्दी खत्म हो जाएंगे.
2. Poverty :-(गरीबी):- हमने देखा होगा कि भारत में आमीन और गरीब लोग रहते हैं जिस प्रकार से पर्यावरण को loss पहुंचाया जा रहा है उसका प्रभाव गरीबों पर पढ़ रहा है जो कि खाने के लिए सोने के लिए रहने के लिए आसपास की चीजों पर depend करते हैं क्योंकि हमारे देश में 40% लोग अभी भी गरीबी रेखा के नीचे जीवन बसर करते हैं
3.Environment degradation:-(पर्यावरण क्षरण):- जब वातावरण को नुकसान पहुंचाया जाता है तब इसका प्रभाव सबसे पहले गरीब लोगों पर पड़ता है जोकि पूरी तरह से आसपास की चीजों पर निर्भर रहते हैं
4. Agriculture Growth :-(कृषि विकास):- लोगों को कृषि के बारे में भी जागरूक कराना जरूरी है कि वह ऐसे तरीके अपनाएं जिससे हमारे वातावरण को किसी भी प्रकार का कोई नुकसान ना पहुंचे
5.Need to increase ground Water :-(भूजल को बढ़ाना) :- यह बहुत जरूरी है कि भूजल को बचाया जाए क्योंकि फैक्ट्रियां और कारखानों से अलग-अलग गंदे chemical निकलते हैं जिससे भूजल प्रदूषित हो रहा है हमें कुछ ऐसा तरीका निकाला चाहिए जिससे कि जो भूजल है उसे साफ सुथरा रखा जा सके और उसको दोबारा प्रयोग किए जाने लायक बनाया जा सके
7. Development & Forest :-हम लोग जानते हैं कि जंगल में अगर कोई नदी वगैरह निकलती है तो उसके आसपास पानी के लिए डैम वगैरह बनाए जाते हैं तथा सिंचाई के लिए बड़े-बड़े प्रोजेक्ट भी चलाए जाते हैं जिनसे कि पानी का सिंचाई में प्रयोग किया जा सके लेकिन इसके लिए हमें कई जंगलों और पेड़ पधों को काटना होता है और जहां पर ऐसे प्रोजेक्ट बनाए जाते हैं वहां पर लोगों को भी displace करना होता है जिस कारण से जंगलों का जो क्षेत्र है वह धीरे-धीरे कम होता जा रहा है जिसका प्रभाव जंगल के साथ-साथ जंगल के जीव जंतुओं पर भी हो रहा है वह भी धीरे-धीरे कम होते जा रहे हैं इसलिए उन लोगों को वातावरण के बारे में जागरूक करना बहुत जरूरी है कि जंगल हमारे जीवन का बहुत बड़ा हिस्सा है उसे कैसे बचा के रखा जा सकता है
8.Air and water pollution :-आज कल हमने देखा होगा कि बड़े-बड़े फैक्ट्रियां और इंडस्ट्री कारखाने से जहरीली गैस से निकलती है तथा खराब केमिकल निकलता है जिससे पानी तथा हवा दोनों प्रदूषित होते जा रहे हैं और कई सरकारी नियम भी बने हुए हैं लेकिन इसका ठीक तरह से पालन ना हो पाने के कारण हमारे वातावरण को बहुत खतरा बढ़ता जा रहा है इसलिए लोगों को जागरूक कर आना बहुत जरूरी है जिससे कुछ ऐसे जरिए निकाले जाएं की इन चीजों से प्रकृति को बचाया जा सके

Thursday, March 24, 2022

Day -1 Environment (Multidisciplinary of Environment)

Unit -1
Multidisciplinary of Environment Study:-Environment जो शब्द है वह फ्रांस के Word "Environner" से लिया गया है जिसका मतलब होता है हमारे चारों तरफ, Environment शब्द को इस प्रकार से बताया गया है कि जो भी Social (सामाजिक), Cultural(सांस्कृतिक) और भौतिक परिस्थितियां हमारे चारों तरफ होती हैं वह है हमारे जीवन पर हमारे विकास पर बहुत बड़ा प्रभाव डालती हैं यह और इस तरह के प्रभाव से हमारे जीवन में बदलाव आते हैं और हमारा जीवन उस प्रकार से ढलने लगता है, इस तरह के प्रभाव जीवित और निर्जीव दोनों चीजों पर होता है और यह जीवन चक्र के हर पहलू में बहुत महत्वपूर्ण होता है.

Segment of Environment:- 4 segment
1. Atmosphere(वायुमंडल)
2. Hydrosphere(जल-मंडल)
3. Lithosphere (स्थलमंडल)
4. Biosphere (जीवमंडल)

Multidisciplinary Nature:-
1. वातावरण बहू शास्त्रीय विज्ञान को मल्टी डिसीप्लिनरी इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें कई ऐसी शाखाएं होती हैं रसायन विज्ञान भौतिक विज्ञान चिकित्सा विज्ञान जीवन विज्ञान कृषि सार्वजनिक स्वास्थ एवं सफाई engineering के बारे में पढ़ना होता है
2. भौतिक विज्ञान को Environment में कह सकते हैं कि जो भी जो भी शिक्षा सूत्रों के हिसाब से, रिएक्शन यानी प्रतिक्रिया , यातायात जैविक प्रजातियों पर किसी भी प्रकार का प्रभाव डालते हैं जो की जीवित चीजें हवा पानी जमीन में रहते हैं उन सब पर कुछ न कुछ प्रभाव होता है
3. वातावरण को समझना बहुत ही कठिन है क्योंकि वातावरण के लिए कई शाखाएं हैं जैसे कि प्राकृतिक सामाजिक और भी कई अन्य शाखाएं जैसे जीवित विज्ञान भूविज्ञान राजनीति विज्ञान नीति विज्ञान कानून तथा धार्मिक चीजों से जो भी मानवता पर प्रभाव पड़ता है वह सब शाखाएं इसके अंतर्गत आती हैं.
4. यह विषय बच्चों को सिखाना चाहता है कि वातावरण में कई प्रकार की समस्याएं हो सकती हैं तथा इन समस्याओं को किस प्रकार के तरीके से हल किया जा सकता है.

Scope of Environment (पर्यावरण का दायरा) :-
एनवायरमेंटल स्टडी एक ऐसा सब्जेक्ट है जिसका दायरा बहुत ही बड़ा है इसमें बहुत सारे क्षेत्र और उनके पहलुओं के बारे में दिया गया है 
1. Natural Resources:-प्राकृतिक संसाधन
2. Ecological and biodiversity परिस्थिति और जेब विविधता
3. Environment pollution and Control प्रदूषित वातावरण और उस पर नियंत्रण
4. Human population and Environment मानव जनसंख्या एवं वातावरण का प्रभाव
5. Social Issue सामाजिक मुद्दे जिनका संबंध वातावरण or विकास से है

यह सभी ऐसे पहलू हैं जो वातावरण की शिक्षा या पढ़ाई के लिए बहुत ही जरूरी क्षेत्र हैं और इनमें भविष्य के लिए कई क्षेत्र भी दी गई है यह सभी
1. Research and development in Environment:(अनुसंधान और विकास):-जो भी निपुण वैज्ञानिक हैं वह वातावरण के बारे में बता सकते हैं कि किस प्रकार की समस्याएं होती हैं तथा उन समस्याओं से किस प्रकार से बचा जा सकता है

Green Advocacy:- इस क्षेत्र में कानून से संबंधित बातें बताई गई हैं कि जो कानून वातावरण से संबंधित चीजों के लिए बनाया गया है जैसे पानी हवा जंगल वन्य जीव अभ्यारण तथा इन्हें प्रदूषित होने से कैसे बचाया जा सकता है उसके लिए क्या प्रावधान होंगे

Green Marketing :- इस क्षेत्र में यह बताया जाता है कि जो भी चीज है यूज की जा रही है वह सही रूप में प्रमाणित होना चाहिए कि वह वातावरण के लिए हानिकारक ना हो इसके लिए कई संस्थाएं काम करती हैं जैसे प्रोडक्ट्स या सामान में इको मार्क और ISO 14000 प्रमाण प्रमाण पत्र की आने वाले सालों में काफी डिमांड होनी चाहिए

Green Media :- वातावरण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए संचार के साधन का यूज़ या उपयोग किया जाना चाहिए जैसे टीवी रेडियो अखबार मैगजीन होर्डिंग आदि का यूज किया जाना चाहिए जिससे वातावरण के बारे में लोगों को जागरूक किया जा सके.

Environment Consultancy(सलाहकार):-कई गैर सरकारी संस्थाएं है जो या सरकारी संस्थाएं जो कि लोगों को जागरूक करती हैं तथा वातावरण में किसी प्रकार की अगर कोई समस्याएं पैदा होती हैं तो उनके लिए लोगों को जागरूक करती हैं कि इस प्रकार से हम अपने वातावरण को सही और सुरक्षित रख सकते हैं